Wednesday, October 11, 2017

आओ माँ, मेरे संग खेलो !

आओ माँ, मेरे संग खेलो !


रुक जा मुन्नी, सांस तो ले लूँ !


देखो  माँ, गुड़िया मेरी है
कितनी देर इस ने झेली है!
रूठ गया ये मेरा बादल
कहता अब मैं खेलूंगा कल!


मोटर कार भी हुई पुरानी
पर तुमने ये रेस न जानी
हवाई जहाज़ में जंग लग गया
राह तकते हर कोई थक गया!


सब काम तुम्हारे हो जाते हैं,
बस यही एक काम न होता
मेरे संग खेलो न, अम्मा,
कहते कहते मैं बन गयी तोता!


अच्छा गुड़िया रानी आओ,
मेरे सारे काम भुलाओ
तुमसे बढ़ कर क्या है परी जी,
ले आओ अब अपनी छड़ी जी


हम तुम देर शाम तक खेलें
बाबा की भी राह न देखें!
न दाल बनेगी न तरकारी,
खुश हो गई न, मेरी प्यारी!



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